व्यक्तिगत वाहन
मोटर बीमा संविदा संपत्ति एवं दायित्व बीमा पर लागू मूल सिद्धांतों के अधीन है। वाहन का स्वामी वाहन का पंजीकृत स्वामी होना चाहिए । वाहन की सुरक्षा के परिणामस्वरूप वाहन स्वामी को लाभ तथा वाहन को हुई किसी प्रकार की क्षति या हानि के परिणामस्वरूप वाहन स्वामी को हानि का होना अवश्यंभावी हो।
सामान्यतया वार्षिक पालिसी जारी की जाती है लेकिन दुपहिया वाहनों के लिए आरटीए के अनुसार वाहन की फिटनेस अवधि तक के लिए दीर्घावधि पालिसी जारी की जा सकती है।
मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार सड़क पर चलने वाले प्रत्येक वाहन का कम से कम दायित्व जोखिम संबंधी बीमा होना चाहिए। पैकेज पालिसी अधिक व्यापक है जिसमें वाहन की निजी क्षति के साथ साथ तृतीय पक्ष का दायित्व भी आवरित होता है।
चयनित मोटर साइकिल/स्कूटर पालिसी क्रेडिट, डेबिट कार्ड तथा नेट बैंकिंग के द्वारा खरीदी जा सकती है।
मोटर बीमा पालिसी ऐसे वाहनों को आवरित करती है जिनका उपयोग बीमाधारक अथवा उसके किसी कर्मचारी द्वारास किसी सामाजिक , घरेलू या व्यावसायिक कार्य ( पंजीकृतवाहन के मालिक के सामानों के अलावा अन्य का माल वहन करना)के लिए किया जा रहा हो लेकिन जिसमें हायर या रिवार्ड, रेसिंग,पेस मेकिंग,रिलायबिलिटी ट्रायल,गति जॉच या अन्य कार्य के लिए उपयोग अपवर्जित है।
वाहन के उपकरण ,भुगतान किये जाने वाले ड्राइवर का विधिक दायित्व,इसमें सम्मिलित व्यक्तियों की व्यकितगत दुर्घटना तथा तृतीय पक्ष की संपत्ति की क्षति बीमा को रू.7.50 लाख की सीमा तक का अतिरिक्त आवरण लिया जा सकता है।
दावा रहित अवधि के लिए पालिसी में नोक्लेम बोनस का प्रावधान है। उच्च ऐच्छिक आधिक्य लेने पर छूट तथा वाहन चोरी अवरोधक यंत्र लगाने पर छूट का प्रावधान है। विशेषरूप से अंधो,विकलांगों तथा मानसिक रूप से कमजोर व्यकितयों के लिए निर्मित वाहनों पर छूट का प्रावधान है।
इस पालिसी में दो प्रकार के आवरण उपलब्ध हैं
केवल देयता आवरण: वाहन की दुर्घटना के उपरान्त किसी भी विधिक दायित्व/देयता के लिए आवरित करता है। इसमें वाहन की किसी भी क्षति को आवरित नहीं किया जाता। पालिसी के अंतर्गत केवल निम्न जोखिमें आवरित हैं:
- तृतीय पक्ष को आयी चोट अथवा मृत्यु
- संपत्ति क्षति (टीपीपीडी),7.50 लाख तक
पैकेज कवर: इसमें मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार देयताओं को आवरित किया जाता है तथा वाहन की क्षति को भी आवरित किया जाता है। पैकेज पालिसी को कांप्रेहेंसिव मोटर बीमा पालिसी भी कहा जाता है। इसमें तृतीय पक्ष, वाहन की क्षति सह यात्री या स्वयं को आवरित किया जाता है।
बीमित वाहन की निजी क्षति को निम्न के कारण दुर्घटना होने पर आवरित किया जाता है:
- दृश्य कारणें जैसे अग्नि,विस्फोट,स्वत: प्रज्ज्वलन एवं आकाशीय विद्युत से हुई दुर्घ्टना
- रेल,रोड,इनलैंड वाटर वे,एअर,लिफ्ट में पारगमन
- चोरी,गृहभेदन सेधमारी
- आतंकवाद,दंगा,हड़ताल,विद्वेषपूर्ण कृत्य
भूकंप,बाढ,तूफान,भूधसकन,भूस्खलन
- परिणामी हानि,सामान्य टूट फूट,यांत्रिकी एवं विद्युत अवरोध,विफल या ब्रेकेज
- टायर की क्षति,बशर्ते उसी समय भी क्षति हुई हो जिसमें प्रतिस्थापन के लिए बीमाकर्ता का दायित्व इसकी लागत का 50%होगा।
- यदि बीमित व्यकित की जानकारी में बीमित व्यकित या अन्य कोई व्यकित द्वारा नशे के प्रभाव में वाहन चलाने के कारण हुई दुर्घटना के परिणामस्वरूप हुई क्षति।
- ऐसे उपकरण/और संबंधित श्रम शुल्क की लागत जिनके विफल होने के परिणामस्वरूप दुर्घटना हो सकती है।